केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने झारखंड के गुमला जिले के बिष्णुपुर में आयोजित जिला स्तरीय बहुउद्देशीय मेगा किसान मेले का उद्घाटन किया। विकास भारती, बिशुनपुर की स्थापना की 40 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), गुमला द्वारा विकास भारती परिसर से और उसके प्रशासनिक नियंत्रण के तहत मेले का आयोजन किया गया था। सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व और कार्य, उनकी दृष्टि और प्रतिबद्धता के कारण पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा है। आज दुनिया भारत की तरफ इस उम्मीद से देख रही है कि जरूरत पड़ने पर भारत संकट में हमारी मदद करेगा। श्री तोमर ने कहा कि अब से अमृत महोत्सव, अमृत काल जब तक भारत की आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे, हमारा देश ‘विश्व गुरु’ के रूप में उभरे और दुनिया को ‘भारत, सर्वश्रेष्ठ’ का उद्घोष करने दें, यही है यह तभी संभव है जब हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मूल मंत्र को अपनाकर मिलकर काम करें। इस जिम्मेदारी को समझकर हर नागरिक को काम करना होगा।केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसमें इतनी बड़ी ताकत है कि इसे न तो मुगल हिला सके और न ही अंग्रेज। कोरोना महामारी के दौरान भी हमारे कृषि क्षेत्र ने देश की अर्थव्यवस्था को चालू रखा। कोविड काल में भी किसानों ने बंपर फसल पैदा की और पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र द्वारा 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया गया. मोदी सरकार किसानों के उत्थान में लगी है। इसी उद्देश्य से कृषि-ग्रामीण अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं, जिनसे निरन्तर निपटना होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों को फसल बीमा योजना जैसा सुरक्षा कवच प्रदान किया है, इस योजना के तहत किसानों को 50 लाख रुपये का दावा किया जाता है। किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1.30 लाख करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया है। श्री तोमर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को कौन-सी फसल अधिक लाभकारी हो सकती है, कौन-सी तकनीक किसानों तक पहुंचे, जिससे उनकी खेती सुरक्षित रहे, लागत कम आए और लाभ हो, इसके बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने फसल विविधीकरण को समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें एफपीओ के माध्यम से संगठित करने की आवश्यकता है, सरकार इस दिशा में काम कर रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की महत्वाकांक्षी योजना के तहत केंद्र ने 500 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। 20 लाख करोड़, जिसका फायदा हमारे किसान उठा रहे हैं। इस योजना में पशुपालन और मत्स्य पालन सहित संबद्ध क्षेत्रों के किसान शामिल हैं। सूक्ष्म सिंचाई योजना, कृषि अधोसंरचना निधि आदि के माध्यम से अधिकांश लघु कृषकों को निरन्तर लाभान्वित किया जा रहा है।
श्री तोमर ने किसानों को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसान समृद्ध होगा तो देश आगे बढ़ेगा। श्री तोमर ने पीएम मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों को इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। झारखंड विश्व में मिलेट (श्री अन्ना) राज्य के रूप में जाना जाए, राज्य सरकार को भी इस दिशा में ठोस प्रयास करने चाहिए।
कार्यक्रम में सांसद श्री सुदर्शन भगत एवं श्री समीर उरांव के साथ ही डॉ. ओंकारनाथ सिंह, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति, सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर के निदेशक डॉ. पी.के. राय, विकास भारती की उपाध्यक्ष डॉ. रंजना चौधरी, सचिव डॉ. अशोक भगत (पद्म श्री), संयुक्त सचिव श्री महेंद्र भगत और केवीके के डॉ. संजय सिंह के अलावा बड़ी संख्या में किसान और वैज्ञानिक उपस्थित थे.