Delhi की तीसरी Ring Road का काम जल्द होगा पूरा, इतने कम समय में पहुचेंगे चंडीगढ़

NHAI के मुताबिक 6 लेन वाली रिंग रोड इस साल सितंबर तक तैयार हो जाएगी। इसे दिल्ली की तीसरी रिंग रोड भी कहा जाता है, इसके शुरू होने के बाद दिल्ली और गुड़गांव एक्सप्रेसवे और दिल्ली चंडीगढ़ के बीच का सफर सिर्फआधे घंटे पूरा कर पाएंगे। यह रिंग रोड द्वारका हाईवे, नजफगढ़, नांगलोई, श्याम विहार और कंझावाला से होकर गुजरेगा। गुडगांव IGI एयरपोर्ट, दिल्ली से चंडीगढ़ और उससे आगे जाने वाले रास्ते के लिए यह एक अच्छा लिंक होगा।

60 प्रतिशत काम पूरा-

गुरुवार को 7, 700 करोड़ रुपए से भी ज्यादा निवेश वाले इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “इस प्रोजेक्ट का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है। हम इसे अगले 6 महीने के अंदर पूरा कर पाएंगे, उन्होंने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान के एक हिस्से के रूप में इस प्रोजेक्ट की कल्पना 2000 में की गई थी। लेकिन शायद ही इसके लिए कोई कदम उठाया गया था। उन्होंने कहा क्योंकि यह नेशनल हाईवे नहीं है इसलिए केंद्र सरकार इसका ज़िम्मा नहीं ले सकती, गडकरी ने कहा कि इसे NH के पास आने के बाद ये परियोजना शुरू की गई, जो दिल्ली के एक लिए जीवनरेखा है”।

20 लाख टन के वेस्ट मटेरियल-

राजमार्ग मंत्री का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से रिंग रोड और बाहरी रिंग रोड के साथ दिल्ली की सड़कों पर भी जाम की संभावना कम हो जाएगी। क्योंकि जयपुरिया चंडीगढ़ से आने वाले लोग इसे बाईपास के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि NH ने गाजीपुर, भलस्वा और ओखला के कचरे के ढेरों में से लगभग 20 लाख टन के वेस्ट मटेरियल इस्तेमाल करने का लक्ष्य बनाया है। उन्होंने कहा कि हम अगले 18 महीने में कचरे के ढेर को खत्म करने पर काम करेंगे।

NH निर्माण के लिए-

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, NHAI ने अब तक दिल्ली में NH निर्माण के लिए लगभग 9 लाख टन वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया है। UR-2  में 7 लाख टन और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे में केडीएनडी सोहाना लिंक पर 2 लाख टन वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है।

इस प्रोजेक्ट में दो हाईवे भी लिंक किए जाएंगे, जबकि 29.6 किलोमीटर का लिंक बवाना उद्योग क्षेत्र को जोड़ेगा। अन्य 7.3 किलोमीटर की कनेक्टिविटी बहादुरगढ़ बाईपास के लिए होगी यह लिंक 4-4 लेन के होंगे।

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