MP में बिजली यूनिट की नई दरें , 200 यूनिट पर 25 रु. ज्यादा लगेंगे

मध्यप्रदेश में घरेलू बिजली दर में 6 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। महीनेभर में 300 यूनिट खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को 38 रु. ज्यादा देने होंगे। 200 यूनिट खपत वालों को 25 रु. ज्यादा देना होगा। विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार को नया टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिया है। नई दरें एक हफ्ते बाद लागू होंगी।

कृषि और उच्च दाब उपभोक्ताओं को भी थोड़ी राहत दी गई है। इनके लिए 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए हैं। 30 यूनिट वालों से मिनिमम चार्ज नहीं लिया जाएगा। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिनिमम चार्ज पहले की तरह 139 रु. देना होगा। नई दरें लागू होने के बाद घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के बिल में चारों स्लैब में 6 पैसे प्रति यूनिट का अंतर आएगा।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि विद्युत नियामक आयोग ने 2023-24 के लिए जारी टैरिफ में औसत 1.65% की मामूली बढ़त की है, जबकि पिछले साल की तुलना में महंगाई 9.3% बढ़ी है। निम्न दाब गैर घरेलू श्रेणी और निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी की बिजली दरों में कोई भी बढ़त नहीं की गई है।

100 यूनिट तक बिजली खपत पर कोई प्रभाव नहीं

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के कारण 100 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ता और फ्लेट रेट कृषि उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर इस बढ़त का भी कोई प्रभाव नहीं रहेगा। घरेलू उपभोक्ताओं पर न्यूनतम चार्ज समाप्त कर दिया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक के बिल पर 10 रुपए बढ़ाए गए हैं, लेकिन इन उपभोक्ताओं को अटल गृह ज्योति योजना में पहले की तरह मात्र 100 रुपए का ही भुगतान करना होगा। उच्च दाब उपभोक्ताओं की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस साल KVAH के आधार पर प्रस्तावित बिलिंग को मान्य नहीं किया गया।

मेट्रो रेल के लिए अलग श्रेणी बना कर विद्युत दरें निर्धारित की गई हैं। इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों के लिए स्थाई प्रभार को समाप्त किया गया है। पर्यावरण के लिए जागरूक उपभोक्ता, जो रिन्यूएबल एनर्जी का ही उपयोग कर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना चाहते हैं, वे 0.97 प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी से बिजली का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान दरें 1.13 रु. में 16 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। उपभोक्ताओं को कोई भी मीटरिंग चार्ज नहीं लगेंगे।

इसलिए की गई 1.65% की बढ़त

विद्युत वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 49 हजार 530 करोड़ रुपए सकल राजस्व की आवश्यकता प्रक्षेपित की गई। वहीं, विद्यमान विद्युत दर (टैरिफ) पर राजस्व अंतर की 1537 करोड़ रुपए की राशि की भरपाई के लिए वर्तमान विद्युत दरों में 3.20% की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया। विद्युत वितरण कंपनियों ने वर्ष 2021-22 की सत्यापन याचिका भी प्रस्तुत की है। इसके द्वारा राजस्व अंतर की राशि 3276 करोड़ रुपए का दावा किया गया है। हालांकि, जांच के बाद आयोग ने 1648 करोड़ रुपए के राजस्व अंतर को स्वीकृत किया है। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 48 हजार 993 करोड़ रुपए की सकल राजस्व आवश्यकता को स्वीकार किया है। इसमें अब तक निर्णित सभी सत्यापन याचिकाएं शामिल हैं। विद्यमान विद्युत दर (टैरिफ) में राजस्व अंतर के रूप में 795 करोड़ रुपए को आयोग द्वारा मान्य किया गया है। इस अंतर की भरपाई के लिए विद्युत – दर (टैरिफ) में मात्र 1.65% की वृद्धि स्वीकार की गई है।

error: Content is protected !!