सावरकर के पोते ने कहा- राहुल माफी मांगें, वरना FIR

सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने मंगलवार को कहा कि राहुल गांधी उनके दादाजी पर दिए बयान पर माफी मांगें। रंजीत ने कहा कि अगर राहुल ऐसा नहीं करते हैं तो वे उनके खिलाफ FIR करेंगे। इधर, उद्धव ठाकरे की नाराजगी के बाद विपक्षी दलों ने यह तय किया है कि वे सावरकर जैसे संवेदशील मुद्दों पर बयान नहीं देंगे।

शरद पवार मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल हुए। ये बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई थी। इसमें पवार ने कहा कि सावरकर महाराष्ट्र में सम्मानित और पूजनीय हैं, उनको निशाना बनाने से महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन मुश्किल में आ जाएगा। इस पर विपक्षी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सावरकर के मुद्दे पर अपनी बयानबाजी नर्म करने को तैयार है।

बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी संसद सदस्यता रद्द होने के बाद 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उनसे सवाल पूछा गया कि भाजपा आपसे बार-बार माफी की मांग कर रही है। राहुल गांधी ने जवाब दिया था कि वह गांधी हैं, सावरकर नहीं। वो माफी नहीं मांगेंगे।

उद्धव राहुल से बोलें कि माफी मांगो: रंजीत सावरकर
रंजीत सावरकर ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी ANI से इस बयान पर बात की। उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे और संजय राउत के मन में सावरकर के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन जब तक वो इस मुद्दे पर अपना समर्थन नहीं देते, इसका कोई मतलब नहीं रह जाता। उद्धव और राउत राहुल गांधी से बयान पर बात करें और उन्हें माफी मांगने को कहें।’

रंजीत सावरकर ने कहा- उद्धवजी ने कांग्रेस को चेतावनी दी है। इसके बावजूद कांग्रेस रुक नहीं रही है। अभी तक उद्धवजी कांग्रेस से अलग नहीं हुए हैं। शरद पवारजी के मन में भी सावरकर के लिए सम्मान है, लेकिन उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। वो राहुल गांधी से कहें कि बयान पर माफी मांगें।

उद्धव ने चेतावनी दी थी- बयानबाजी बंद करो, वरना गठबंधन तोड़ लेंगे
राहुल के बयान का उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने विरोध किया है। उद्धव ने रविवार को मालेगांव के प्रोग्राम में कहा था, “राहुल ने सावरकर पर बयानबाजी बंद नहीं की तो महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) से गठबंधन तोड़ लेंगे। हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर राहुल गांधी सावरकर की निंदा करना नहीं छोड़ते हैं तो गठबंधन में दरार आएगी।’

खड़गे की डिनर पार्टी में उद्धव नहीं गए
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाया था। इस बैठक में भी उद्धव शामिल नहीं हुए। उद्धव की गैर-मौजूदगी की खूब चर्चा रही। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 17 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने यह तय किया कि वे सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर बयानबाजी से दूर रहेंगे। इससे पहले सोमवार सुबह संसद सत्र से पहले हुई बैठक में भी वे नहीं आए थे। इसके बाद मंगलवार को हुई बैठक से भी उद्धव गुट दूर रहा।

error: Content is protected !!