केदारनाथ त्रासदी की दसवीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री ने ”खंड-खंड से अखंड उत्तराखंड“ पुस्तक का विमोचन किया

बर्फीली फिजाओं में रोंगटे खड़े कर देने वाली सत्य घटनाओं पर आधारित पुस्तक ।

शिव की धरती केदारनाथ में 2013 के जून माह में आई आपदा से संहार और तबाही का जो तांडव मचा, उसने सिर्फ उत्तराखंड को ही तहस-नहस नहीं किया बल्कि पूरे देश को रूला दिया और दुनिया को प्रकृति की ताकत के समक्ष अपनी क्षमता को देखने का एक और दर्पण दे दिया। केदारनाथ में आपदा 16 और 17 जून 2013 की रात ऐसे समय पर आई जब यात्रा अपने चरम पर थी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिव दर्शन के लिए केदारनाथ में थे या तीर्थ के निकट थे। उसी मध्य प्रलय ने हजारों श्रद्धालुओं की एक झटके में जान ले ली थी। मंदिर के रास्ते में गरुड़चट्टी, रामबाड़ा, गौरी कुंड और सोन प्रयाग आदि स्थानों पर जमकर तबाही हुई और जल प्रलय के मार्ग में आए सभी कस्बे इसमें समाहित हो गए।

भारी बारिश के कारण तबाही का मंजर सिर्फ केदारनाथ तक ही सीमित नहीं था। शेष धामों बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब में भारी संख्या में यात्री फंसे थे। ऐसे में सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर की टीम ने अपनी जान पर खेलकर वर्ष 2013 में केदारनाथ, गौरीकुंड व बद्रीनाथ में फंसे 511 लोगों की न केवल जीवन रक्षा की, बल्कि पुनर्वास में भी उनकी सहायता की थी और आज चारों धामों में निशुल्क मेडिकल सेवा प्रदान कर रहे हैं ।

डॉ० प्रदीप भारद्वाज के नेतृत्व में सिक्स सिग्मा मेडिकल हेल्थ केयर टीम ने अपने जिन साहसिक एवं वीरता पूर्ण कार्यों से समस्त सृष्टि के समक्ष , पूरे भारत देश के समक्ष मानवता की जो मिसाल प्रस्तुत की है वह प्रशंसनीय तो है ही साथ ही आज की युवा पीढ़ी व सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक भी है
जिस समय तबाही के कारण आपदा ग्रसित इलाकों से लोग पलायन कर रहे थे…. अपनी जान बचाने के लिए हर प्रकार का प्रयास कर रहे थे…… उस समय उस ओर जाना, लोगों की सहायता करना ,ऐसा विचार आना भी अपने आप में अतुलनीय है।
केदारनाथ त्रासदी की दसवीं वर्षगांठ पर सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ० प्रदीप भारद्वाज द्वारा लिखित पुस्तक ”खंड-खंड से अखंड उत्तराखंड“ का माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने 16 जून, 2023 दिन शुक्रवार को अपने आवास स्थित सभागार में विमोचन किया। पुस्तक में त्रासदी से तबाह प्रदेश के प्रगति पथ पर बढ़ने की प्रेरणादायक और प्रोत्साहक दास्तान को बेहद आसान भाषा में लिखा गया है I

यह पुस्तक सनातन संस्कार से ओत प्रोत है और इसमें सिक्स सिग्मा की वीरता, शौर्य, कठिन सेवा, साहस और पराक्रम की अकल्पनीय, अद्वितीय व अलौकिक महागाथा का वर्णन किया गया है। हिमालय सुनामी 2013 में – आस्था के सैलाब में – कैसे मची थी तभी के बीच हैवनियात की हद ? इतिहास लिखने वाली सिक्स सिग्मा टीम – जहां न पहुंचे हवा – वहां कैसे पहुंचा दी दवा ?

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा, डॉ० प्रदीप भारद्वाज के नेतृत्व में सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस की टीम ने त्रासदी के दौरान सबसे पहले केदारनाथ पहुंचकर पीड़ितों को स्वास्थ्य सेवा देकर 511 लोगों की जान बचाई और उन्हें रेस्क्यू कर अभूतपूर्व राहत एवं बचाव मिशन चलाकर खंड-खंड हुए उत्तराखंड के जनमानस में एक नई ऊर्जा का संचार किया। ”खंड-खंड से अखंड उत्तराखंड“ वीरता, र्शार्य, कठिन सेवा, साहस और पराक्रम की अकल्पनीयता का सटीक उदाहरण प्रस्तुत करती है। मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे पुस्तक को जरूर पढे़। उन्होंने सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर को राज्य सरकार की ओर से भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया। डॉ० प्रदीप भारद्वाज और डॉ० अनीता भारद्वाज ने मुख्यमंत्री जी को एक स्मृति चिह्न भेंट किया। पुस्तक में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सेना प्रमुख व वायु सेना प्रमुख के संदेश भी लिखे गये हैं ।

पुस्तक की मुख्य विशेषताये : –
1- बर्फीली फिजाओं में वीरता , शौर्य, कठिन सेवा, साहस और पराक्रम की अकल्पनीय , अद्वितीय व अलौकिक कार्य की महागाथा।
2- कैसे मचा था उत्तराखंड में मौत का तांडव ।
3- इतिहास लिखने पहली मेडिकल टीम – जहां न पहुंचे हवा – वहां कैसे पहुंचा दी दवा ?
4- आस्था, धर्म ,विश्वास , आडंम्बर व पाखंड की पोल खोलती है यह पुस्तक ।
5 -उत्तराखंड की सच्ची तस्वीर के साथ महादेव के रहस्यों से भरपूर दास्तां ।
6- कभी भी -कहीं भी- कैसे भी- सबसे पहले -सबसे आगे- बिना दान के महान कार्य ।
7-आस्था के सैलाब में – कैसे मची थी तबाही के बीच हैवानियत की हद ।
8- रोंगटे खड़े कर देने वाली पहली पुस्तक जो की सनातन संस्कार से ओत प्रोत बेहद प्रेरणादायक और प्रोत्साहक है ।
9- शान – ए- हिंद सिक्स सिग्मा ने कैसे सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देवभूमि में अदम्य साहस का परिचय दिया ।
10. इस पुस्तक को इंटरनैशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर 978-93-5914-7956 मिला है व इसमें कुल 240 पृष्ठ और 36 अध्याय हैं ।

”खंड-खंड से अखंड उत्तराखंड“ के लेखक डॉ० प्रदीप भारद्वाज ने कहा, इस घटना को याद करते ही हमारी आंखें भर आती हैं। इस पुस्तक को आप जरूर पढ़ें और देखें मेरी कलम की ताकत को मेरे अल्फ़ाजो से, जो की मेरे दिल से होकर गुजरते हैं , बस वही जज्बात लिखता हूं I बड़ा लेखक तो नहीं हूं पर कलम से रिश्ता कुछ खास रखता हूं ।

डॉ० आशीष शर्मा, सीनियर डिप्टी डायरेक्टर ने कहा, केदारनाथ त्रासदी से जन्मी सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस देश की एक मात्र ऐसी संस्था है जो पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली यात्राओं में निःशुल्क मेडिकल सर्विस देती है। इस सेवा के लिए संस्था किसी से भी कोई दान नहीं लेती है। ”खंड-खंड से अखंड उत्तराखंड“ पुस्तक सिक्स सिग्मा के मेडिकल वॉलंटियर्स द्वारा किए साहसिक कार्यों का संकलन है। उनकी कठिन मेहनत का ही परिणाम है कि आज चारधाम यात्रा में संस्था के सदस्य हर विकट परिस्थिति में भी सहज रूप से सेवा दे रहे हैं।
डॉ० भारत शर्मा – डिप्टी डायरेक्टर – सिक्स सिग्मा में बताया की प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर ने कई योजनाएं बनाई है। कुछ प्रस्ताव आपके पास भेजे भी जा चुके हैं। हमें आपके मार्गदर्शन की आवश्यकता है, जिससे सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर प्रदेश को नई ऊंचाई की ओर ले जाने में भागीदार बन सकें।

डॉ० सपना बुढ़लाकोटी , सिक्स सिग्मा स्टाफ़ ने कहा की इस पुस्तक में यात्राओं पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी सलाह दी गई है, जिससे वे दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन कर परेशानी रहित यात्रा कर सकें।

इस अवसर पर सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के चेयरमैन कैप्टन आर .के. भारद्वाज , श्री बी.डी. सिंह (पूर्व सीईओ- बी.के.टी.सी), डॉ० परवेज़ अहमद, श्री संजीव कुमार, डॉ० समीर भट्टी, डॉ० भारत शर्मा, डॉ० सिद्धांत शर्मा, श्री विनोद शर्मा, श्री रमेश कालरा, श्री गोविन्द गोयल आदि गणमान्य उपस्थित थे।