रोशनआरा क्लब लिमिटेड को खाली कराने पर डीडीए का बयान

न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ दिनांक 12.04.2023 के बेदखली आदेश को बरकरार रखा गया था, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने आज रोशनआरा क्लब लिमिटेड के परिसर को खाली कराया और उसे अपने कब्जे में ले लिया, इसके पट्टे 11 साल पहले 2012 में और 6 साल पहले 2017 में समाप्त हो गए थे। यह कार्यवाही पीपीई एक्ट, 1971 की धारा 5 (2) के प्रावधानों के तहत की गई।बेदखली की कार्यवाही के दौरान, यह पाया गया कि वर्षों तक हजारों करोड़ रुपये की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के अलावा, क्लब के प्रबंधन-तंत्र ने क्लब को पट्टे पर दी गई 23.29 एकड़ भूमि में से लगभग 3.5 एकड़ कीमती भूमि पर अतिक्रमण होने दिया था। अतिक्रमित भूमि की कीमत ही प्रचलित सर्किल रेट के अनुसार 180 करोड़ रुपये से अधिक है। क्लब प्रबंधन-तंत्र ने अनधिकृत रूप से नर्सरी और अवैध झोपड़ियों को भी भूमि प्रदान कर दी थी। इसके अलावा, रोशनआरा क्लब लिमिटेड ने पट्टे की समाप्ति के बाद भी वर्षों से भूमि पर अनधिकृत कब्जा कर रखा है, जिसके लिए उसे हर्जाना देना होगा।
यह पाया गया कि ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित क्लब, जिसकी भूमि सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए पट्टे पर दी गई थी, और जिसे भारतीय क्रिकेट के उद्गम स्थल के रूप में सेवा करने का गौरव प्राप्त है, कुछ व्यक्तियों की निजी संपत्ति बन गई थी। क्लब की बिल्डिंग और परिसर दोनों ही रखरखाव की कमी के कारण पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण स्थिति में थे और प्रबंधन-तंत्र द्वारा अतिक्रमण होने देने की वजह से भूमि पर आवासीय झुग्गियां विद्यमान थीं।

रोशनआरा क्लब लिमिटेड के परिसर को खाली कराने और कब्जा लेने की कार्यवाही 29.09.2023 को सूर्योदय के समय (लगभग 6:00 बजे) डीडीए के अन्य कर्मचारियों के साथ संपदा अधिकारी द्वारा पुलिस और स्वतंत्र सरकारी गवाह की सहायता से की गई और परिसर को कब्जे में ले लिया गया।पीपीई एक्ट, 1971 के अंतर्गत सांविधिक प्रावधानों के विधिवत अनुपालन में क्लब के प्राधिकारियों को ई-मेल द्वारा लिखित संदेश के माध्यम से दिनांक 29.09.2023 को अपराह्न 12:30 बजे से 3:30 बजे के बीच समाप्त हो सकने वाली वस्तुओं को हटाने का अवसर प्रदान किया गया था, जिसके संबंध में उनकी प्रतिक्रिया अभी प्रतीक्षित है ।रोशनआरा क्लब लिमिटेड को ब्रिटिश राज के दौरान स्टेट फॉर इंडिया इन काउंसिल के सेक्रेटरी द्वारा वार्षिक किराया आधार पर 30 वर्षों के लिए दो प्रीमियम फ्री लीज प्रदान किए गए थें, जिन्हें प्रत्येक को आगे 30 वर्ष की दो अवधियों अर्थात् अधिकतम 90 वर्षों के लिए बढ़ाया जाना था । पहली लीज की शुरुआत 01.09.1922 से हुई जबकि दूसरी लीज 01.01.1928 को शुरु हुई । क्लब को लीज पर कुल 23.29 एकड़ क्षेत्र दिया गया था। लीज डीड में 90 वर्षों के बाद पुनःनवीनीकरण/लीज आगे बढ़ाए जाने का कोई प्रावधान नहीं था । अतः दोनों लीज क्रमशः 31.08.2012 और 31.12.2017 को समाप्त हो गईं ।
पहली लीज का वार्षिक लीज किराया 100/- रुपए था । दूसरी लीज के लिए वार्षिक लीज किराया 30 वर्षों की अंतिम अवधि के लिए 3200/- रुपए था ।लीज की अंतिम अवधि की समाप्ति पर रोशनआरा क्लब लिमिटेड ने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इन दोनों लीज को आगे बढ़ाने के लिए अभ्यावेदन दिया था लेकिन लीज़ बढ़ाने के उनके अनुरोध को अस्वीकृत कर दिया गया।

इसके बाद, पीपीई एक्ट, 1971 के अंतर्गत संपदा अधिकारी / सेंट्रल जोन द्वारा बेदखली कार्यवाही शुरू की गई जिसे अंतिम रूप दिया गया एवं एक्ट के प्रावधानों के अनुसार रोशनारा क्लब लिमिटेड को परिसर खाली करने हेतु 15 दिनों की अवधि प्रदान करते हुए संपदा अधिकारी द्वारा दिनांक 12.04.2023 को बेदखली के आदेश पारित किए गए।संपदा अधिकारी के इस बेदखली आदेश को रोशनारा क्लब लिमिटेड द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 21.04.2023 द्वारा मामले को निपटाया जिस पर शीघ्र कार्यवाही की गई।
इसके बाद, रोशनआरा क्लब लिमिटेड ने दिनांक 12.04.2023 के बेदखली आदेश को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, तीस हजारी कोर्ट के समक्ष चुनौती दी। इस बीच, डीडीए ने सिंगल जज बेंच के दिनांक 21.04.2023 के आदेश के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एलपीए दायर की। इस एलपीए का निपटान माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 14.06.2023 के आदेश के अंतर्गत किया गया था। जिसमें यह निदेश दिया गया कि सिंगल बैंच के दिनांक 21.04.2023 का आदेश प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा अपील पर निर्णय करते समय प्रभावी नहीं होगा और यदि किसी भी माननीय जिला न्यायाधीश के समक्ष स्थगन को हटाने हेतु आवेदन किया जाएगा, तो उसका निर्णय मेरिट के आधार पर लिया जाएगा।प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के मामले को सुनने के बाद दिनांक 25/09/2023 को पीपीए संख्या 07/2023 में अपना फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने रोशनआरा क्लब लिमिटेड की अपील को खारिज करते हुए और संपदा अधिकारी/ सेंट्रल जोन द्वारा दिनांक 12.04.2023 को पारित बेदखली आदेश को बरकरार रखा।

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