आरईसीपीडीसीएल ने पचोरा पावर ट्रांसमिशन एसपीवी को जी आर इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा

विद्युत मंत्रालय के अधीन एनबीएफसी महारत्न कंपनी, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने मेसर्स जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को एक परियोजना विशिष्ट स्पेशल पर्पस वेहिकल (एसपीवी) सौंप दिया है। एसपीवी का गठन टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से “मध्य प्रदेश में राजगढ़ (1000 मेगावाट) स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में आरई परियोजनाओं से बिजली की निकासी-चरण II” के लिए अंतर राज्य ट्रांसमिशन परियोजना की स्थापना के लिए किया गया था।

पचोरा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड नामक एसपीवी को आरईसीपीडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सफल बोलीदाता मेसर्स जी आर इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया। इसके अतिरिक्त, सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीटीयूआईएल) के प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हितधारकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

आरईसीपीडीसीएल के सीईओ श्री राजेश कुमार ने कहा, “माननीय ऊर्जा मंत्री और माननीय विद्युत सचिव के दूरदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुरूप, आरईसीपीडीसीएल देश की बिजली मांग को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा सुधारों की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आरई बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम के विकास के लिए टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आरईसीपीडीसीएल को टीबीसीबी मार्ग के माध्यम से परियोजनाओं के वितरण के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक होना, हमारे लिए गौरव की बात है।

आरईसीपीडीसीएल के बारे में –

आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेडआरईसीपीडीसीएलआरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी50 से अधिक राज्य बिजली वितरण कंपनियों/राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान कर रही है।

आरईसीपीडीसीएल ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं और आरई-बंडलिंग परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में कार्य कर रहा है। पीएमडीपी परियोजनाओं के तहत आरईसीपीडीसीएल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वितरण और ट्रांसमिशन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उन्नयन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। इस प्रकार आरईसीपीडीसीएल अपने विशेषज्ञ परामर्शपरियोजना कार्यान्वयन और लेनदेन सलाहकार सेवाओं के साथ देश के बिजली क्षेत्र के मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में:

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न‘ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादनपारेषण (ट्रांसमिशन)वितरणनवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहनबैटरी भंडारणपंप भंडारण परियोजनाएंहरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवेमेट्रो रेलहवाईअड्डाआईटी संचारसामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थानअस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्यकेंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई)राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है। 

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