पुस्तकों के लोकार्पण, साहित्यिक चर्चाओं और पुस्तक प्रेमियों से गुलजार हुआ विश्व पुस्तक मेला

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024 के हॉल 5 थीम मंडप में आयोजित सत्र में संपादक एवं प्रसिद्ध लेखक श्री गुलाब कोठारी की दो पुस्तकों ‘गहने क्यों पहने: सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक अध्ययन’ और ‘विकास की आत्मा, संचार’ का लोकापर्ण किया गया। विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे और निदेशक श्री युवराज मलिक भी उपस्थित थे।श्री गुलाब कोठारी जी ने अपनी पुस्तकों पर चर्चा करते हुए कहा, “जीवन संचार के अलावा और कुछ नहीं है। हम केवल संवाद के लिए पैदा हुए हैं, जहां शरीर और दिमाग सिर्फ उपकरण हैं। संचार शरीर का नहीं आत्मा का विषय है। संचार आत्मा को आत्मा से जोड़ता है, यह एक भक्ति है। माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे का पहले से ही एक संबंध होता है। वे बिना शब्दों के संवाद करते हैं। ”
विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आध्यात्मिक संवाद पर प्रकाश डालते हुए गुलाब जी की सराहना की और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

बच्चों ने की अंतरिक्ष यात्रा

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 3, बाल मंडप में नेहरू तारामंडल,नई दिल्ली द्वारा आयोजित सत्र ‘स्पेस सफारी : ऐन एडवेंचर इन एस्ट्रोनॉमी’ के दौरान खगोल विज्ञान पेशेवरों ने बच्चों को एक अद्भुत आभासी अंतरिक्ष यात्रा कराई। उन्होंने सौर मंडल, ग्रहों, सूर्य, चंद्रमा, और चंद्रयान मिशन के बारे में भी बात की। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बच्चों के साथ समुद्री प्रदूषण के महत्व और अंतरिक्ष अन्वेषण के बारे में भी संवाद किया। इस अवसर पर कर्णव अग्निहोत्री द्वारा लिखित “सुपर शार्क-फ्लाई टू द मून” पुस्तक को भी प्रदर्शित किया गया।कार्टून नेटवर्क ने बच्चों के लिए “ड्रीम्स बिक्रम रियल्टी : पोस्टर कॉम्पटीशन ऑन माई फ्यूचर सेल्फ” नामक विषय से पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता सत्र भी बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।बाल मंडप में, एनसीसीएल, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित कार्यशाला सत्र ‘इंक एंड इलीगेंस: अ वर्कशॉप ऑन कैलिग्राफी’ की जानकारी देते हुए “ए टू जेड लोअर केस लेटर फॉर्मेशन” के बारे में बताया। इस कार्यशाला में बच्चों ने सुलेख लेखन भी किया।
बाल मंडप के एक अन्य सत्र में, प्रख्यात कथाकार सिम्मी श्रीवास्तव ने “राजा की मूंछें” कहानी सुनाई। जीवन में विनम्रता और मुस्कुराहट का कितना महत्व है। इस प्रकार इस कहानी के माध्यम से जीवन में दूसरों के विचारों को भी महत्व देने और हमेशा मुस्कुराते रहने का संदेश दिया गया। एक अन्य सत्र में श्री यश तिवारी ने अपने सत्र “पेजज अलाइव: इनटरेक्टिव सेशन ऑन द लिटरेरी आट्रर्स” में कहानी लिखने के तरीके बताए। इस अत्यधिक संवादात्मक सत्र में श्री यश तिवारी ने बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया में कहानियाँ पढ़ने के लाभों को भी साझा किया।

लेखक मंच बना साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र

‘राम फिर लौटे’ पुस्तक का विमोचन

16 फरवरी, शुक्रवार को नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल नंबर 2 में लोकसभा सांसद मनोज तिवारी और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने ‘राम फिर लौटे’ पुस्तक का लोकार्पण किया। इस पुस्तक के लेखक सुप्रसिद्ध लेखक और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा हैं।25 ग्रामीण लड़कियों की कहानी हिलोर पीपल्स एक्शन फॉर नेशनल इंटीग्रेशन (पानी) ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में लेखक मंच से अंग्रेजी पुस्तक ‘स्प्लैश’ और उसके हिंदी अनुवाद ‘हिलोर’ का लोकार्पण किया। पानी संगठन सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने वाली लड़कियों के लिए कार्य करते हुए अभी तक 25000 से ज्यादा बच्चियों के उनके सपना साकार करने में मदद कर रहा है।

एआई के आधुनिक युग में एक पत्रकार का जीवन
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 2 लेखक मंच पर ‘एआई के आधुनिक युग में एक पत्रकार का जीवन’ विषय पर आयोजित सत्र में एबीपी न्यूज के कार्यकारी संपादक श्री इन्द्रजीत राय ने बताया कि टेक्नोलॉजी ने हमें बहुत कुछ दिया है, लेकिन इससे चुनौतियाँ भी आयी है। पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह जांच करने की होती है कि खबर सही है या गलत है ।

बहुभाषी परंपराओं पर हुई चर्चाएँ

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 5, थीम मंडप में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्री संग्राम मिश्रा, सेवानिवृत्त आईएएस की ओडिया भाषा की पुस्तक ‘सूर्योदय’ का लोकार्पण एवं परिचर्चा सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप सिंह खरोला थे । चर्चा में समाज में सकारात्मक परिवर्तन के साध्य के रूप में साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
थीम मंडप में ‘बहुभाषी भारत में उर्दू की एक समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा’ पर एक परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में प्रोफेसर प्रोफेसर चंद्र शेखर, प्रोफेसर ख्वाजा इकरामुद्दीन, देवेश शर्मा और प्रोफेसर दानिश इकबाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘उर्दू भाषा भारत के हर क्षेत्र में अहम स्थान रखती है चाहे साहित्य की बात हो या सिनेमा की। उर्दू भारतीय रंग में रच—बस गई है।’
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित एक सत्र में ‘समकालीन भारत में संस्कृत’ विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में श्री गिरीश नाथ झा और प्रोफेसर संपदानंद मिश्र ने चर्चा में संस्कृत के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया । संस्कृत के ऐतिहासिक, भाषाई और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला गया।
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 5 थीम मंडप में बृजेश राजपूत की की पुस्तक ‘द एवरेस्ट गर्ल’ पर चर्चा हुई। वक्ताओं में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला मेघा परमार, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे और बृजेश राजपूत शामिल थे। भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा कि मेघा परमार मध्यप्रदेश की नहीं पहाड़ों की बेटी है। मेघा परमार ने एवरेस्ट फतह करने में आने वाली चुनौतियों को साझा किया। चर्चा में गोताखोरी और पर्वतारोहण के दौरान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। किताब के लेखक ब्रजेश राजपूत ने बताया कि ये उनकी पहली व्यक्ति आधारित किताब है। ‘द एवरेस्ट गर्ल’ मेघा परमार के सपने, संघर्ष और साहस की कहानी है।

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का आज दौरा करने शख़्सियतों में विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, लोकसभा के माननीय सांसद श्री मनोज तिवारी, राज्यसभा के माननीय सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, प्रसिद्ध लेखक एवं संपादक श्री गुलाब कोठारी, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) के सचिव श्री चंचल कुमार, प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता श्री शिव खेड़ा, पूर्व आईपीएस और डीएमआरसी के मुख्य सुरक्षा कमिशनर श्री सुवासित चौधरी रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अंतर्गत भाषाओं के रंग, कवियों के संग में विभिन्न भाषाओं में कविता पाठ किया गया। शादाज बैंड द्वारा आकर्षण प्रस्तुति और हिमालयन बिट्स पर प्रस्तुति जैसे कार्यक्रमों ने दर्शकों को बांधे रखा।

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