एनबीसीसी निदेशक मंडल ने 1:2 अनुपात में बोनस शेयर की सिफारिश की

एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के निदेशक मंडल ने 31.08.2024 को आयोजित अपनी बैठक में कंपनी के  पात्र शेयरधारकों को रिकॉर्ड तिथि को 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की सिफारिश की है अर्थात ₹ 1/- (केवल एक रुपये) प्रत्येक के हर 2 (दो) मौजूदा पूर्णतः प्रदत्त इक्विटी शेयर के लिए ₹ 1/- (केवल एक रुपये) प्रत्येक का 1 (एक) नया पूर्णतः प्रदत्त इक्विटी शेयर, जो कि आगामी वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों के अनुमोदन के अधीन है। यह निर्णय कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और अपने शेयरधारकों को रिवॉर्ड देने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निदेशक मंडल ने बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए सदस्यों की पात्रता निर्धारित करने के लिए सोमवार, 07 अक्टूबर, 2024 को रिकॉर्ड तिथि के रूप में निर्धारित किया है।पात्र शेयरधारक, जिनके नाम 31 अगस्त, 2024 तक शेयरधारकों के रजिस्टर अथवा डिपॉज़िटरी द्वारा अनुरक्षित लाभकारी स्वामियों की सूची में प्रदर्शित होते हैं, उन्हें ये बोनस शेयर प्राप्त होंगे। परिणामस्वरूप, कंपनी की प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी 180,00,00,000 रुपये से बढ़कर 270,00,00,000 रुपये हो जाएगी। नए आबंटित बोनस शेयरों को मौजूदा शेयरों के बराबर दर्जा प्राप्त होगा। इन्हें शेयरधारकों के डीमैट खातों में सीधे जमा कर दिया जाएगा।

दिनांक 31 मार्च 2024 को लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों के अनुसार कंपनी के पास पूंजीकरण के लिए 1,959 करोड़ रुपये का आरक्षित एवं अधिशेष उपलब्ध है।

एनबीसीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री के.पी. महादेवास्वामी ने कहा, “बोनस जारी किए जाने की सिफारिश करने का निर्णय एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के मजबूत प्रदर्शन और सुदृढ़ वित्तीय स्थिति का प्रमाण है।” कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए अब तक का सर्वाधिक टर्नओवर, बिजनेस डेवलपमेंट और लाभ भी अर्जित किया है। इस पहल का उद्देश्य शेयरधारक मूल्य को संवर्धित करना है तथा यह हमारे निवेशकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा मानना ​​है कि यह बोनस इश्यू हमारे शेयरधारकों के विश्वास को और सुदृढ़ करेगा तथा मूल्य सृजन के प्रति हमारी सतत प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा।”

एनबीसीसी (इंडिया) ने आखिरी बार 2017 में 1:2 के अनुपात में बोनस की घोषणा की थी।

एनबीसीसी अपने 81,300 करोड़ रुपये से अधिक के मजबूत ऑर्डर बुक और पुनर्विकास, पी.एस.यू. भूमि मुद्रीकरण, रियल एस्टेट विकास, विदेशी विस्तार तथा पी.एम.सी. कार्यों पर कार्यनीतिक ध्यान केंद्रित करने के साथ, ‘विकसित भारत’ की दिशा में योगदान देने के लिए काफी अच्छी स्थिति में है।