एनबीसीसी ने अटकी हुई/पुनर्विकास परियोजनाओं के निर्माण के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आने वाले नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने “मेरठ में मेरठ विकास प्राधिकरण के टाउनशिप में अटकी हुई / पुनर्विकास परियोजनाओं के निर्माण” के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसकी अनुमानित परियोजना लागत लगभग 296.53 करोड़ रुपये हैं। श्री संजय कुमार मीनाआईएएस, उपाध्यक्ष (एमडीए) की गरिमामयी उपस्थिति में श्री प्रदीप शर्माकार्यपालक निदेशक, एनबीसीसी और श्री विजय कुमार सिंह, मुख्य नगर योजनाकार (एमडीए) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौता ज्ञापन में परियोजना के निष्पादन एवं कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में एनबीसीसी की भूमिका रहेगी। पुनर्विकास में शताब्दी नगर में सेक्टर 4 सीलोहिया नगरन्यू मोहनपुरी में विकास विहार और अन्य चिह्नित स्थान सहित अटकी हुई रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल होंगी। एनबीसीसी अपने स्व-संधारणीय पुनर्विकास मॉडल पर एमडीए के चिह्नित भूखंड के विकास के लिए निष्पादन/कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

एनबीसीसी निर्माण के दौरान अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करेगाजिससे प्रदूषण संबंधित खतरा कम होगागुणवत्ता में सुधार होगा और निर्माण पूरा होने की कुल समय-सीमा कम होगी। परियोजना के प्रस्तावित विकास/निर्माण का डिज़ाइन, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल तथा सुगम्यता संबंधी सुविधायुक्त होगा।

यह परियोजना सभी आवश्यक सांविधिक अनुमोदनों का अनुपालन करके परियोजना के प्रारंभ की तिथि से तीन वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके से पूर्ण होने की उम्मीद है। एनबीसीसी और एमडीए दोनों के अधिकारीगणों वाली अधिकार प्राप्त समिति, परियोजना की देखरेख करेगी जिसमें अनुमोदननिधि प्रबंधन और समर्पित एस्क्रो  मेकनिज़म के माध्यम से देखरेख और प्रगति अनुवीक्षण शामिल है।