एनबीसीसी की 65वीं वार्षिक आम बैठक आयोजित की गई

राज्य स्वामित्व वाली नवरत्न उद्यम कंपनी एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड सरकार द्वारा अवसंरचना विकास पर दिए जाने वाले अत्यधिक बल का लाभ उठाने हेतु तैयार है। श्री के.पी. महादेवास्वामी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने दिनांक 24.09.2025 को ईस्ट किदवई नगर में आयोजित 65वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में वित्त वर्ष 24-25 के दौरान कंपनी की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों क्षेत्रों में कंपनी द्वारा प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे विभिन्न अवसरों को भी प्रदर्शित किया।

बैठक के दौरान, एनबीसीसी बोर्ड के अन्य सदस्य अर्थात श्री सलीम अहमद, निदेशक (परियोजनाएं); श्री सुमन कुमार, निदेशक (वाणिज्य); श्री अंजीव कुमार जैन, निदेशक (वित्त); सरकार द्वारा नामित निदेशक श्री संजीत, संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार; श्री रवि कुमार अरोड़ा, संयुक्त सचिव (भूमि एवं संपदा) और स्वतंत्र निदेशक श्री भीमराव पांडा भोसले, श्री दीपक सिंह, श्री राजीव कुमार, श्री विशाल पुरी और श्रीमती दीप्ति गंभीर, कंपनी सचिव, एनबीसीसी भी उपस्थित रहे।

कंपनी ने वर्ष-दर-वर्ष 15.68% वृद्धि के साथ 12,038.57 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व तथा 34.52% की वृद्धि के साथ 557.42 करोड़ रुपये का समेकित कर-पश्चात लाभ (पीएटी) अर्जित किया। एकल आधार पर, राजस्व 8,725.36 करोड़ रुपये रहा, जबकि कर पश्चात लाभ 38.26% बढ़कर 476.11 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की समेकित ऑर्डर बुक 1,20,533 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पुनर्विकास, रियल एस्टेट, विदेशी उपक्रमों और पीएमसी कार्यों में एनबीसीसी के नेतृत्व की पुष्टि करती है।

श्री महादेवास्वामी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कंपनी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा उनके भाषण में निम्नलिखित मुख्य बिंदु शामिल रहे।

एनबीसीसी ने ₹180.90 करोड़ (@67%) का अपना अब तक का सर्वाधिक लाभांश घोषित किया तथा 1:2 के अनुपात में 90 करोड़ बोनस इक्विटी शेयर जारी किए, जो शेयरधारक मूल्य सृजन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। कंपनी ने ₹23,250 करोड़ मूल्य के नए कार्य प्राप्त किए और अपनी प्रमुख पुनर्विकास परियोजनाओं – वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नौरोजी नगर (₹13,409 करोड़) और डाउनटाउन, सरोजिनी नगर (₹1,391 करोड़) में पूर्ण वाणिज्यिक बिक्री प्राप्त की, जो कुल मिलाकर लगभग ₹14,800 करोड़ है। आम्रपाली अधिदेश के अंतर्गत, एनबीसीसी ने 25,500 आवास इकाइयां का निर्माण पूरा किया और आगे की बिक्री शुरू की, जिससे 2,353 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है।

अपनी वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करते हुए, एनबीसीसी अपनी अब तक की सबसे बड़ी विदेशी ईपीसी परियोजना – मालदीव्स के हुलहुमाले में 2,000 सामाजिक आवासीय इकाइयों का निर्माण, जिसका मूल्य 130 मिलियन डॉलर है, निष्पादित कर रहा है। भारत सरकार के एनईआईए ढांचे के अंतर्गत भारतीय एक्जिम बैंक के माध्यम से वित्त पोषित यह ऐतिहासिक परियोजना भारत-मालदीव्स सहयोग का प्रतीक है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री और मालदीव गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हाल ही में इस परियोजना का उद्घाटन न केवल कंपनी के कार्यनीतिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर विश्व स्तरीय, सामाजिक रूप से प्रभावशाली अवसंरचना को प्रदान करने में एनबीसीसी की क्षमता को भी दर्शाता है।

कंपनी ने दुबई में एक सहायक कंपनी के साथ प्रचालन का विस्तार भी किया है तथा यह उज्बेकिस्तान और यू.ए.ई. में नए अवसरों की तलाश कर रही है।

संधारणीयता और डिजिटल परिवर्तन पर आधारित, एनबीसीसी ने हरित निर्माण कार्य-पद्धतियों को उन्नत किया, केंद्रीकृत परियोजना निगरानी को अपनाया और 90 प्रशिक्षण  कार्यक्रमों के माध्यम से कार्यबल विकास में निवेश किया। इसकी सीएसआर पहलें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल , स्वच्छता, नवीकरणीय ऊर्जा और कौशल विकास में निरंतर प्रभाव डाल रही हैं।

कंपनी की उत्कृष्टता को डीपीई से ‘एक्सीलेंस’ एमओयू रेटिंग के साथ प्रमाणित किया गया एवं इसे सभी सीपीएसई में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ और 98.50 के रिकॉर्ड स्कोर के साथ अपने क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। भारत मंडपम,  वाणिज्य भवन, आईआईएम संबलपुर और एम्स बिलासपुर जैसी प्रतिष्ठित परियोजनाओं ने प्रतिष्ठित गृहा रेटिंग प्राप्त की, जबकि डिजिटल ट्रान्सफॉर्मेशन और साइबर सिक्योरिटी में प्राप्त पुरस्कारों ने एनबीसीसी की साख को और अधिक पुष्ट किया है।

विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, एनबीसीसी भारत सरकार की एक विश्वसनीय शाखा के रूप में अपने हितधारकों के लिए संधारणीय, समावेशी अवसंरचना के निर्माण और दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

समापन करते हुएश्री महादेवास्वामी ने भारत सरकारविशेष रूप से आवासन और शहरी कार्य मंत्रालयवित्त मंत्रालयलोक उद्यम विभागदीपमसेबी और कॉर्पोरेट कार्य (एमसीए) सहित अन्य सभी केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियोंभारत के सीएंडएजीएनबीसीसी  के प्रतिष्ठित सेवार्थियोंमूल्यवान ग्राहकोंसमर्पित कार्मिकों और हितधारकों को उनके समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया और सहयोग की सराहना कीजिससे कंपनी को प्रगति और सफलता की यात्रा पर आगे बढ़ने में सहायता मिली।