पाकिस्तान अपने इतिहास के महंगाई के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आलम ये है कि इसे IMF से लोन नहीं मिला तो ये देश कभी भी डिफ़ॉल्ट हो सकता है. इस देश में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई है. अवाम दाने-दाने को तरस रही है, एटीएम में पैसे नहीं हैं, बकरीद पर मुर्गे के दाम 1400 रुपये किलो तो गोश्त लगभग 850 रुपये किलो, दूध का दाम प्रति लीटर बढ़ कर 230 रुपये हो गया है. लोग बाजारों से खाली हाथ लौट रहे हैं. अभी हाल में पाकिस्तान ने अपने कराची पोर्ट के कुछ हिस्से यूएई (UAE) को 50 साल के लिए बेच रहा है तो चीन को गधे की खाल बेच रहा है. संकट से उबरने के लिए हमारा पड़ोसी मुल्क आईएमएफ़ के पास लगातर गिड़गिड़ा रहा है. लेकिन संगठन ने लोन के लिए काफी कठिन शर्तें रखी हुई है.
अभी खबर आई है कि पाकिस्तान को एयरलाइन्स चलाने के भी पैसे नहीं बचे हैं. लोन लेने के लिए पाकिस्तना फिर से आईएमएफ़ का दरवाजा खटखटाया है. लेकिन लोन देने के लिए IMF ने पाक सरकार के सामने काफी कठिन शर्तें रखी है. वहीं, पाकिस्तान ने भी डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए सभी शर्तों को मानने को तैयार हो गया है. ऐसा मानो जैसे कि पाकिस्तान ने कर्ज लेने के लिए अंतराष्ट्रीय संगठन के सामने घुटने तक दिए हो. हालांकि, इनके पास चारा भी नहीं है. सभी मित्र देश भी अब लोन देने से कतरा रहे हैं.
आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच समझौते के आखिरी दौर चल रहे हैं. 30 जून को दोनों किसी निर्णय पर पहुंचने वाले हैं. यदि आईएमएफ लोन देने को राजी हो जाता है तो पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का लोन मिलने का उम्मीद रहेगा. शाहबाज़ शरीफ सरकार ने संगठन से इतने ही लोन की मांग की है. शाहबाज़ आईएमएफ के एमडी से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. वहीं, आईएमएफ ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने जरूरी शर्तों की है.
इस समझौते पर पाकिस्तान की जुड़ीं हुईं हैं. जैसे कि क्या लोन मिल पायेगा? पाकिस्तान आर्थिक संकट से उबार पायेगा? डिफ़ॉल्ट होने से बच जायेगा? बहुत से…. अपडेट रहिए, जानकारी दी जाएगी.