गुरुग्राम
संधारणीयता पहल में उल्लेखनीय नेतृत्व क्षमता प्रदान करने के लिए, श्री विवेक कुमार देवांगन, सीएमडी, आरईसी लिमिटेड को 12 दिसंबर, 2023 को मॉरीशस में आयोजित विश्व संधारणीयता कांग्रेस में ‘मोस्ट सस्टेनेबल महारत्न लीडर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
श्री देवांगन की ओर से श्रीमती तरूणा गुप्ता, कार्यकारी निदेशक (सीएसआर) और श्री आर अंबालागन, सीजीएम (सतर्कता) ने पुरस्कार प्राप्त किया। यह पुरस्कार व्यक्तियों और संगठनों के अनुकरणीय कार्य और उनके उपलब्धियों के ट्रैक रिकॉर्ड पर आधारित होता है। मॉरीशस के ऊर्जा और सार्वजनिक उपयोगिता मंत्रालय के तकनीकी सेवाओं के निदेशक, श्री डौमेराज जहाजिया और मॉरीशस के आर्थिक विकास बोर्ड के शासन प्रमुख, श्री जाबिर उदहिन द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस पुरस्कार के मिलने पर, श्री विवेक कुमार देवांगन ने कहा, “वैश्विक मंच पर इस तरह का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करना गर्व और सम्मान का एक महत्वपूर्ण क्षण है। मैं इस उपलब्धि के लिए आरईसी के सभी सदस्यों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। आरईसी पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने और समाज के प्रति लगातार कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। इस अवार्ड के लिए, मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”
श्री देवांगन के नेतृत्व में, आरईसी ने न सिर्फ महारत्न का दर्जा हासिल किया, बल्कि, गैर-बिजली बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भी अपने व्यापार को बढ़ाया है, और यह देश में बिजली क्षेत्र की परिवर्तनकारी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वहीं, मार्च 2023 में इकोनॉमिक टाइम्स एशियन बिजनेस लीडर्स कॉन्क्लेव 2022-23 में ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग बिजनेस लीडर्स ऑफ एशिया’ पुरस्कार किया जा चुका है।
आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत काम करने वाला केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का महारत्न उपक्रम है जिसकी स्थापना 1969 में हुई थी। यह विद्युत अवसंरचना क्षेत्र को जिसमें विद्युत उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय उर्जा और नई प्रौद्योगिकी जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, हरित हाइड्रोजन आदि को दीर्घकालिक कर्ज और अन्य वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराता है। हाल में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र जैसे कि सड़क और एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक ढांचागत सुविधाओं (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और विभिन्न अन्य क्षेत्रौं जैसे कि इस्पात, रिफाइनरी आदि में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एण्ड एम) कार्य भी शुरू किया है। आरईसी की कुल ऋण राशि 4.74 लाख करोड़ रूपये से ऊपर पहुंच गई है।