दिल्ली सरकार, 2025 तक यमुना को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार, 2025 तक यमुना को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य नदी के पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करना और समग्र पर्यावरणीय गुणवत्ता में सुधार करना है।इस संबंध में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज प्रेसवर्ता कर सरकार की प्रोग्रेस के बारे में जानकारी साझा की। साथ ही इसदिशा में अब तक केजरीवाल सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा  कि सरकार के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक सीवेज ट्रीटमेंट में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करना है। दिसंबर 2023 तक, दिल्ली 813 एमजीडी के इस मील के पत्थर को हासिल कर लेगा, साथ ही सीवेज ट्रीट करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
इसके अलावा, जून 2024 तक, दिल्ली में सीवेज ट्रीट करने की क्षमता में 21% की वृद्धि के साथ 964 MGD तक पहुंच जाएगी, जो भविष्य की आवश्यकताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बफर प्रदान करेगी। सौरभ भारद्वाज ने यमुना की सफाई और दिल्ली में सीवेज प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार की पहल के तहत 4,08,183 घरों को पहले ही मुफ्त सीवर कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। 2015 के बाद से कई महत्वपूर्ण प्रोग्रेस हुई है, सीवर नेटवर्क में 619 नई अनधिकृत कॉलोनियों को जोड़ने के साथ ही इसकी संख्या 220 से 839 हो गई है। इसके अलावा 2,371 किलोमीटर की सीवर लाइनें बिछाने के साथ कुल 9800 किलोमीटर लंबाई, 200 सीवर सफाई की खरीद मशीनें, और 174 MGD सीवेज का उपचार कुल 574 MGD तक ले जाया गया है। सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार ओखला, कोंडली और रिठाला में सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) का जल्द संचालन करेगी। ये संयंत्र दिल्ली के सीवेज ट्रीटमेंट नेटवर्क में 95 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) की क्षमता जोड़ेंगे। इसके अलावा, नजफगढ़ नाले से गाद निकालने की परियोजना का कार्य जारी हैं, जिसमें 36 किलोमीटर पहले ही पूरा हो चुका है। सरकार का लक्ष्य 2023 के अंत तक प्रमुख नालों और सभी उप-नालों को एसटीपी की और मोड़ना है, जिससे सीवेज प्रक्रिया  में काफी सुधार होगा। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसआईआईडीसी) से 13 कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी) को अपग्रेड करने की जिम्मेदारी भी ली है। इसके अलावा, सरकार मार्च 2024 तक 110 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइनों की पूरी तरह से सफाई करेगी।
बता दें साल 2021 में मुख्यमंत्री द्वारा बताए गए छह सूत्रीय एक्शन प्लान एक्शन प्लान के तहत केजरीवाल सरकार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने, दिल्ली में मुख्य गंदे नालों ट्रैप कर वहीं साफ करने, हर घर को सीवर का कनेक्शन देकर सीवर नेटवर्क से जोड़ने, झुग्गी झोपड़ी के सीवर को नालियों में बहाने से रोकने व सीवर से अटैच करने और सीवर की डिसिल्टिंग को मजबूत करने में जुटी है।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यमुना को प्रदूषण मुक्त करना अरविंद केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है। पूरे देश में नदियों को प्रदूषण रहित करने के लिए केंद्र सरकार और अलग-अलग राज्यों की सरकारें कई वर्षों से कोशिशें कर रही है। साल 2021 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना की सफाई के लिए 6 सूत्रीय एक्शन प्लान की घोषणा की थी। इन 6 बिंदुओं पर काम कर दिल्ली सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त करने में जुटी है। इसमें सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता बढ़ाना, दिल्ली में मुख्य गंदे नालों ट्रैप कर वहीं साफ करना, हर घर को सीवर का कनेक्शन देकर सीवर नेटवर्क से जोड़ना, झुग्गी झोपड़ी के सीवर को नालियों में बहाने से रोकना व सीवर से अटैच  करना और सीवर की डिसिल्टिंग को मजबूत करना आदि शामिल है।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि साल 2014-15 में दिल्ली के अंदर मात्र 220 अनधिकृत कॉलोनियां सीवर नेटवर्क से कनेक्टिड थी, आज 839 अनधिकृत कॉलोनियां सीवर नेटवर्क से जुड़ चुकी है। सीवर लाइन की लंबाई 7429 से 9800 हो गई है। करीब 2371 किमी सीवर लाइन बिछाई है। पहले दिल्ली में 373 एमजीडी सीवरेज ट्रीट होता था,जो अब बढ़कर 547 एमजीडी हो गया है। अगर कोई अनधिकृत कॉलोनी सीवर नेटवर्क के बिना होती है, तो उसका सीवर वेस्ट किसी ना किसी तरीके से नालियों, फिर बड़े नालों और उसके बाद यमुना में जाकर गिरता है। उन अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क डालने के बाद वहां से निकलने वाला सारा सीवरेज सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचता है। जहां से ट्रीट होने के बाद साफ पानी यमुना में पहुंचता है। पहले दिल्ली में एक भी ऑटोमेटिक सीवर क्लीनिंग मशीन नहीं हुआ करती थी। अब पिछले कुछ वर्षों से करीब 200 मशीनें सीवर क्लिनिंग के लिए काम कर रही हैं।
दिल्ली जल बोर्ड के आकंलन के अनुसार दिल्ली में 792 एमजीडी सीवेज जनरेट होती है। वर्तमान में जितना सीवेज जनरेट होता है, उतना ट्रीट नहीं हो पाता।160 एमजीडी क्षमता की कमी है। हमारे प्लान के हिसाब से वर्तमान में हमारे पास 20 फीसद कम कैपेसिटी है। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर नए एसटीपी का निर्माण व पुनर्विकास किया जा रहा है। इसके तहत जून 2023 तक हमारी कैपेसिटी बढ़कर 727 एमजीडी हो जाएगी। यानी कि केवल 8 फीसद की कमी रहेगी। उसके बाद दिसंबर 2023 तक एसटीपी की कुल क्षमता 814 एमजीडी हो जाएगी। इसका मतलब है कि जितना सीवर जनरेट होता है, उसे 3 फीसद ज्यादा सीवरेज को ट्रीट करने की क्षमता होगी। दिल्ली में जून 2024 तक 964 एमजीडी की क्षमता हो जाएगी। जोकि जनरेट होने वाली सीवर से 21 फीसद ज्यादा क्षमता है। दिल्ली में अगले महीनें ओखला, कोंडली और रिठाला एसटीपी चालू हो जाएंगे, जिससे 95 एमजीडी क्षमता जुड़ जाएगी और हम 727 एमजीडी क्षमता पर पहुंच जाएंगे। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए जून 2024 तक हमारे एसीटीपी 934 एमजीडी की कैपेसिटी पर पहुंच जाएंगे। यानी कि हमारे एसटीपी की क्षमता जरूरत से ज्यादा होगी।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना के प्रदूषण का दूसरा कारण नालें है। दिल्ली के अंदर कई बड़े-बड़े नाले हैं, जिनमें नजफगढ़ नाला, मोरी गेट नाला, बारा पुला नाला, महारानी बाग नाला समेत अन्य नालें शामिल है। ऐसे कई सारे नाले यमुना में गिरते थे। केजरीवाल सरकार की पिछले कई वर्षों की कड़ी मेहनत से 18 बड़े नालों में से 13 को ट्रैप किया जा चुका है। अब इन नालों से निलकने वाला सीवरेज यमुना में जाकर नहीं गिरता है। इनके सीवरेज को एसटीपी में ट्रीट किया जाता है। केवल पांच पार्शियली ट्रैप्ड नाले हैं, जिन्हें ट्रैप करने का कार्य प्रगति पर है। नजफगढ़ में करीब 36 किलोमीटर ड्रेन की डी-सिल्टिंग का कार्य चल रहा है। बारा पुला और महारानी बाग की ड्रेन सितंबर 2023 तक ट्रैप हो जाएगी। मोरी गेट ड्रेन को 23 सितंबर तक कोरोनेशन में डायवर्ट किया जाएगा। दिल्ली गेट में केंद्र सरकार से जमीन की मांगी है, जमीन मिलने के तुंरत बाद वहां पर 10 एमजीडी क्षमता का प्लान बनाया जाएगा। इसी के साथ दिल्ली गेट की ड्रेन को ट्रैप किया जाएगा। इसके अलावा यूपी की तरफ से आने वाली शाहदरा में यूपी का बहुत वेस्ट आता है, उसे कल्याणपुरी एसपीएस के जरिए कोंडली एसटीपी में लेकर ट्रैफ कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि बड़े नाले कई सारी छोटी-छोटी कॉलोनियों के छोटे नालों से मिलकर बनते हैं। विभिन्न स्थानों पर छोटे नालों को ट्रैप करने की दिशा में काम जारी है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हर महीने में दो बार दिल्ली जल बोर्ड व फ्लड डिपार्टमेंट अधिकारी के साथ बैठक की जाती है। हर 2 सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की जाती है। नजफगढ़ में कई सारे छोटे नालों को ट्रैप किया जा चुका है, उनमें केवल 44 अनट्रैप्ड नालों में से 19 का कार्य हो चुका है। 4 छोटे नाले जून में ट्रैप हो जाएंगे, 3 नवंबर में और 13 दिसंबर में ट्रैप हो जाएगी। शेष बची हुई 6 नालियों को ट्रैप करने पर प्लान बनाया जा रहा है। शाहदरा में सभी छोटे नालों को ट्रैप करना का कार्य जून 2023 तक पूरा होगा।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2021 के प्लान में बताया था कि अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर की लाइन तो डाल दी, लेकिन बहुत सारे लोग पैसों की वजह से अभी भी अपने घर के हाउसहोल्ड कनेक्शन को सीवर लाइन में कनेक्ट नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सीवर लाइन डलने के बावजूद भी नालों में सीवरेज जा रहा है। इसलिए केजरीवाल सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मुफ्त सीवर कनेक्शन योजना शुरू की गई है। जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों में बिना पैसा लिए हर घर के सीवर लाइन को सीवर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड घर घर में जाकर मुफ्त सीवर कनेक्शन दे रहा है।  साल 2014-15 में मात्र 220 अनधिकृत कॉलोनियों सीवर नेटवर्क से कनेक्टिड थी, आज 839 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डल गई है। 481 अनधिकृत कॉलोनियों में कार्य प्रगति पर है। 318 अनधिकृत कॉलोनियों में डिसेंट्रलाइज एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। ऐसी 161 अनधिकृत कॉलोनियों है, जहां किसी कारणवश सीवर नेटवर्क नहीं डाला जा सकता है। जैसे कि कोई ओजोन में आती है, कहीं फॉरेस्ट या डीडीए की लैंड होने पर लैंड ओनिंग एजेंसी से अनुमति नहीं मिल पा रही है।
दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया जैसे ओखला, बवाना, नरेला आदि जगहों में आने वाला सीवरेज रसायनिक वेस्ट होता है। जिसमें हैवी मेटल व प्लास्टिक वेस्ट होता है। इसे ट्रीट करने के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) होते हैं। लेकिन देखा गया कि दिल्ली में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट सही से काम नहीं कर रहे है और अपनी क्षमता के हिसाब से कम ट्रीटमेंट कर रहे हैं। उनसे साफ होकर निकलने वाला पानी भी सही क्वालिटी का नहीं है, जिसके कारण यमुना गंदी हो रही है। इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला लिया था कि वहां की इंडस्ट्रियल सोसायटीज द्वारा चलाए जाने वाले इन 13 सीईटीपी को टेकओवर करेगा और मॉडर्नाइज करेगा। क्योंकि इंडस्ट्रीज की सोसायटियों को इन्हें चलाने का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस नहीं है। ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड ही उन्हें ऑपरेट करेगा, ताकि इंडस्ट्रीज के इलाकों से आने वाले वेस्ट को हम साफ कर सके और यमुना में प्रदूषण न जाए। डीएसआईडीसी के इन कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 47 एमजीडी है। दिल्ली जल बोर्ड की 964 एमजीडी में 47 एमजीडी कैपेसिटी शामिल होने के बाद हमारी कुल क्षमता 1011 एमजीडी होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर में कभी भी सीवर नेटवर्क नहीं जोड़ा गया था। उनका वेस्ट नालों के जरिए यमुना में आता था। 639 जेजे क्लस्टर चिंहित करके अब तक हम 571 जेजे क्लस्टर को सीवर से जोड़ चुके हैं, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उनमें करीब 65 जेजे क्लस्टर सीवर लाइन से जोड़ना संभव नहीं है, वहां पर डिसेंट्रलाइज सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे है। अनधिकृत कॉलोनियों में हर घर का सीवर कनेक्शन, सीवर नेटवर्क से जोड़ने का काम किया जा रहा है, जिसके तहत करीब 408183 घरों का कनेक्शन जोड़ा जा चुका है। दिल्ली के सभी बड़े ट्रंक सीवर लाइनों की सफाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसमें 90 किलोमीटर का टारगेट था, जिसमें करीब 36 किलोमीटर पूरा हो चुका है। अगले फेज में 110 किलोमीटर ट्रक सीवर लाइन का टारगेट लिया है, जिससे मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना की सफाई का काम एक दिन में नहीं हो सकता है। इसमें वर्षों लगते हैं। वर्षों के आंकलन से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जब से देश आजाद हुआ है तब से लेकर 2014-15 तक दिल्ली में मात्र 220 अनधिकृत कॉलोनियां सीवर से कनेक्टिड थी। आज 839 अनधिकृत कॉलोनियां सीवर से जुड़ चुकी है। उस समय 373 एमजीडी सीवर ट्रीट होता था, जो आज बढ़कर 547 एमजीडी है। केजरीवाल सरकार के प्लान के हिसाब से 2024 जून तक दिल्ली में हम 1 हजार एमजीडी से ज्यादा सीवर ट्रीटमेंट की क्षमता करेंगे। 2021में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए रोडमैप का पालन करते हुए हम यमुना की सफाई की दिशा में आगे बढ़ रहे है। इसके परिणाम यमुना में धीरे-धीरे दिखने लगे हैं। यमुना को साफ करने के लिए दिल्ली के कोन-कोने के हर प्रकार के वेस्ट को ट्रीट करने की दिशा में युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।
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